Thursday, December 18, 2014

तमाम फेसबूकिया अजीजों के लिए

Prem Prakash दद्दा, Alive Hopes जी, हितेन्द्र अनंत भाई, अवनीश कुमार जी,
Mohmmad Mushtaq Patel भाई, तारीफ़ भाई, Manish Dubey जी, विभांशु दिव्याल जी,
Gurvinder Singh भाई जी, डॉ. अजीत जी, Ali Syed सर, Syed Quaisar Hussain Zaidi भाई, Lenin Vivek Bansal जी, Manmohan Singh जी, Suchhit Kapoor जी, रीटू खान जी, Deonath Dwivedi सर, Kapil DEv जी, Akram Shakeel जी, Santosh Yadav जी, सतवीर सिंह भाई जी, Emran Rizvi जी, Shakil Ahmed Khan भाई, Khalid A Khan जी, Ashish भाई, Shabbir Husain Qureshi जी, Pankaj Srivastava जी, Shahid Mansoori जी, बे- धर्मी जी, बे- शर्म जी, Tara Shanker जी, गिरीश विश्वकर्मा जी, Anuj Sharma जी, संदीप भालेराव जी, Jalal Tamboli जी, Ujjwal Pandey, Syed Shanur Rahman जी, Vipul Gupta जी, Sunil Amar जी, Abdullah Aqueel Azmi भाई, आत्म अभिरक्षा जी, विनोद यदुवंशी जी, Somnath Chakraborti कामरेड, Yuva Deep Pathak जी, Nalin Mishra जी, Vivek Srivastava जी, Ashu Bhai Mansoori जी, Ashutosh Ujjwal जी, Aleem Khan जी, Mayank Priyadarshi जी, Rounak Thakur जी, Mandeep Kataria जी, अवनीश जी, सय्यद ज़फर रज़ा जैदी भाई, Omkar Dixit भाऊ..
मेरी प्यारी Prerna, शीरीं बाजी, Ghazal, Aarohan Paintings श्रेया, Najiya, Iram,
Priyanka दी, Varsha Patil ताई, Anita दी, हेमा दी, Sudesh दी, Fatima Tabassum अप्पी, Amrita दी, Huma बहना, Ruqaiya बाजी, Amrita Raniyal दी, नाज़िश अंसारी बाजी, Namrata Shukla दी, Shruti जी, Snehal जी, Reshma Hitendra Anant ताई, दीप संदेश जी...

आप सब लोगों से मुझे एक ही बात कहनी है.

~~~~~~~~~ थैंक यू ~~~~~~~~~~~

आप सब का मेरी ज़िन्दगी में होने के लिए शुक्रिया. शुक्रिया मेरी मुलाक़ात मुझ से करवाने के लिए. आप ने - आप सब ने - समय समय पर मेरी बेशुमार हौसला अफजाई की. मेरी अच्छी बातों के लिए जहां मेरी दिल खोल के तारीफ़ की वहीँ गलतियों पर टोका भी. आपने मुझमे वो आत्मविश्वास भरा जिसके वजूद से मैं खुद ही अनजान थी. आप लोगों को देख देख कर मैंने सीखा कि प्रेम, करुणा, शान्ति, समता आदि मूल्य कभी भी आउट ऑफ़ फैशन नहीं हो सकते. उन की हिफाज़त करने वाले लोगों की तादाद अभी भी काफी ज्यादा है. आप सब के साथ बिताये लम्हें मेरे जीवन की वो धरोहर है जिसे अंतिम सांस तक भी भुलाना नामुमकिन है. सवा अरब लोगों की आबादी का मात्र एक नग इस लड़की को आप लोगों ने 'ज़ारा' बनाया. बेशुमार प्यार दिया. ख़ाक से उठा कर गले से लगाया. मैं आपकी बेलौस मुहब्बत की कर्ज़दार हूँ. और हमेशा रहूंगी.
जाहिर है अपनी नादानी की वजह से मैं बहुत से नामों को मिस कर रही होउंगी. इसके लिए मुझे माफ़ कर दिया जाए प्लीज. आज कल ज़हन ठीक से काम नहीं कर रहा.

इन सब आत्मीय जनों के अलावा उन सब का भी शुक्रिया जिन्होंने मेरी पोस्ट्स पर अच्छे अच्छे कमेंट्स कर के मेरा हौसला बढाया.

आप सब ना होते तो मुझे पता ही नहीं चलता कि मुझ में क्या क्या हुनर है. हालांकि मेरे कहने का मतलब ये कतई नहीं है कि मैंने किसी आला मुकाम को हासिल कर लिया है. मैं अभी भी नातजुर्बेकार और जिज्ञासु तालिब-ए-इल्म ही हूँ. हाँ, सीखने समझने की प्रोसेस हमेशा जारी रहेगी इसका वादा है आप लोगों से. मुहाज चाहे जो हो फिर.

आप सब का दिल की तमामतर गहराइयों से, वजूद के जर्रे जर्रे से शुक्रिया... थैंक यू सो मच..
"हाँ मानती हूँ कि मुझे में थी चमक सी थोड़ी जरुर,
गर आप न होते, कैसे बनती, कांच से कोहिनूर.."

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आपकी अपनी
ज़ारा.

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