Thursday, November 27, 2014

ईशनिंदा क़ानून

वीना मलिक सख्त - सख्त से भी ज्यादा - नापसंद थी. लेकिन आज उसके साथ खड़े होने का मन कर रहा है. ये धर्म के नाम पर जारी सर्कस कभी बंद होगा या नहीं ? ब्लास्फेमी लॉ ( ईशनिंदा क़ानून ) से चिढ़ तो तभी से थी जब से तहमीना दुर्रानी का ज़बरदस्त उपन्यास कुफ्र पढ़ा था लेकिन अब तो घृणा हो गई. अरे जिसकी निंदा होगी वो भुगत लेगा न ! आप लोग हो कौन जो लोगों की जिंदगियों का फैसला करते हो ? फ्रेंचाइजी मिली है आपको ? खुदा को आपने माफिया डॉन बना रखा है. सिसिली का डॉन वीटो कारलियोन. गुर्गे पाल रखे है उसने. जो भी डॉन की बुराई करे टपका दो. रिवर्स गियर लगा कर पाषाण-युग की तरफ जा रहे हैं ये लोग.

सच बात तो ये है कि किसी भी धर्म को बाहर वालों से कतई कोई खतरा नहीं है. ये इसके झंडाबरदार ही काफी है उसे नीचा दिखाने के लिए. खुदा भी शर्मिंदा होता होगा कि किन लोगों के हत्थे चढ़ गया. धिक्कार है..!

सन्दर्भ :- वीना मलिक को पाकिस्तान की एक अदालत द्वारा सुनाई गई सजा.

No comments:

Post a Comment