Friday, February 21, 2014

डरते हैं

झलक जाते हैं अक्सर दर्द की मानिंद आँखों से
मगर खामोश रहते हें, बयां होने से डरते हैं
कुचल देती है हर हसरत हमारी बेरहम दुनिया,
दिल- ए -मासूम के अरमां जवां होने से डरते हैं
------- साजिद हाशमी.

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