Saturday, October 11, 2014

मीडिया को ना भाया, तो जीवन व्यर्थ है भाया..

मलाला तो चलो गोली खा कर हिट हो गई थी लेकिन ये कैलाश सत्यार्थी वाला राज़ कैसे आउट हुआ ? सवा अरब लोग जिस शख्स को जानते भी नहीं थे, जिसके काम से रत्ती भर भी वाकिफ नहीं थे उसकी उपलब्धियों की खबर नोबेल वालों तक कैसी पहुंची ? ये राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है कि ये खबर लीक कैसे हुई ? इसकी फ़ौरन सीआईडी जांच करवाई जानी चाहिए.

आज का अखबार ये बता रहा है कि जनाब ने अब तक 80000 बच्चों को बाल-श्रम की दासता से मुक्त करवाया है, वो तीन दशक से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं आदि आदि. अपने प्राइम टाइम पर दीपिका की क्लीवेज को लम्बी चौड़ी कवरेज देने वाले मेरे मुल्क के दर्जनों अग्रणी न्यूज़ चैनलों ने तो कभी इस बारे में एक बार भी नहीं बताया. बहुत जतन से छिपा कर रखी गई इस खबर के आम हो जाने से भारत की जो वैश्विक बदनामी हुई है उसका जिम्मेदार कौन है ? तुरंत दोषियों पर सख्त कार्यवाई की जाए. और आइन्दा इस बात का ख़याल रखा जाए कि ऐसी सूचनाएं देश से बाहर ना जाए.
कैलाश सत्यार्थी जी को बधाई कि उन्हें मीडिया ने कुमार गौरव का रुतबा दे ही दिया. वो 'वन फिल्म वंडर' था, ये 'वन डे सेलेब्रिटी' बने हैं.

PS : आज रात सबसे चालू न्यूज़ चैनल के प्राइम टाइम पर 'शीला की जवानी, हरकतें तूफानी' देखना ना भूलियेगा.. परिवार सहित देखें तो अति उत्तम..

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