Monday, July 28, 2014

ज़िन्दगी ख़ाक न थी,

ईद की व्यस्तताओं के चलते दो-तीन दिन फेसबुक पर आना नहीं हो पायेगा. सभी दोस्तों को ईद की एडवांस मुबारकबाद.
इस बीच आप ज़िन्दगी चैनल पर आने वाले 'ज़िन्दगी गुलज़ार है' सीरियल के इस टाइटल ट्रैक का लुत्फ़ उठा सकते हैं. बेहतरीन अल्फाज़.. हदीका कियानी की बेहतरीन आवाज़... बतौरे-ईदी मुझ तक इसे पहुंचाने वाली Shireen Naaz बाजी को दिल से शुक्रिया...
ज़िन्दगी ख़ाक न थी, ख़ाक उड़ा के गुजरी
तुझ से क्या कहते, तेरे पास जो आते गुजरी..
दिन जो गुज़रा तो किसी याद की रौ में गुज़रा,
शाम आई तो कोई ख्वाब दिखाते गुजरी...
रात क्या आई के तनहाई के सरगोशी में,
गम का आलम था मगर सुनते सुनाते गुजरी
अच्छे वक्तों की तमन्ना में रही उम्र-ए-रवां,
वक्त ऐसा था के बस नाज़ उठाते गुजरी...
बेहतरीन... संगीत प्रेमी मित्रगण जरुर सुनें.

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