Monday, March 31, 2014

मुश्किल वक्त

बैन करती औरतों से,
हम पूछ रहे है 'मीर' के शेर का मतलब
बेघर भंवरों से कह रहे है,
शकुंतला को रिझाने के लिए
लू भरी दोपहर में,
कूकने का तकाजा कर रहे हैं कोयल से
इस मुश्किल वक्त में,
कुछ लोग कह रहे हैं हमसे,
अपनी वफादारी साबित करने के लिए
एक टूटे हुए बर्तन को,
चाक से वफादारी साबित करने के लिए
कुछ लोग तालियां बजा रहे हैं
कुछ लोग हैरान होकर देख रहे हैं
उन की और हमारी शक्ल
ये मासूम हैं,
इन्हें मुआफ कर देना मेरे खुदा
और मुमकिन हो तो हमें भी
कि हम जी रहे हैं
इस मुश्किल वक्त में भी......
------------ नोमान शौक.
बैन - विलाप.

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